इस आर्टिकल में हम जानेंगे vasu cutis cream uses in hindi के बारे मे यह क्रीम किस काम आती है कितनी मात्रा में इसको लगाना चाहिए
कौन से टाइम पे इसको लगाना चाहिए इस क्रीम को लगाते समय कौन-कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए और कौन से टाइम पे इस को नहीं लगना चाहिए
वासु क्यूटीज क्रीम क्या है?।vasu cutis cream uses in hindi
यह मेनली जो हमारे त्वचा के रोग होते हैं जैसे दाग, धब्बे, दाद खाज खुजली है, एकने, पिंपल या अंगुली के बीच में एरिटेसन होने लगी हो या फिर जनराइटल पार्ट में पसीने के वजह से खुजली होने लग गई हो
रेडनेस इचिंग होने लग गई हो तो उसके अंदर vasu cutis cream uses in hindi को यूज में लेते हैं। यह क्रीम आयुर्वैदिक जड़ी बूटियों से मिलि हुई मेडिसिन क्रीम है।
और इसमें किसी भी प्रकार का एस्ट्रोड नहीं होता है यह क्रीम बैक्टीरिया और फंगल दोनों पर काम करती है।
बैक्टीरिया चाय ग्राम पॉजिटिव हो चाहे ग्राम नेगेटिव हो यह अन एरोबिक हो यह चारों प्रकार के जो बैक्टीरिया हैं इन पर काम करती है।
Vasu cutis क्रीम को कब लगाना चाहिए
1. allergic dermatitis (एलर्जी डर्मेटाइटिस):- मतलब पॉलिन ग्रीन जैसे घास से या डस्ट से या फिर धूप में निकलने से बॉडी पर रेड रेड कलर के चकत्ते हो गए हो या इरिटेशन होने लग गई हो उसके अंदर भी हम vasu cutis cream को हम यूज में ले सकते हैं।
2.mosquito bite :- मच्छरों को काटने से चकत्ते बनना स्टार्ट हो जाते हैं तो उन जगह पर भी इस क्रीम को लगाते हैं उससे चकत्ते भी ठीक हो जाते हैं और वहां पर जो खुजली और रेडनेस हो गई थी वह भी ठीक हो जाती है।
3. Oozing eczema :- किसी कारण से हमारे बॉडी में बहुत ज्यादा एनर्जी हो के कारण रेडनेस इरिटेशन हो रही है वहां से पानी जैसा निकल रहा है इस कंडीशन के अंदर भी हैं हम vasu cutis cream को यूज में ले सकते हैं।
4. dhobi’s itch :- डाबी इच एक फंगल इन्फेक्शन का ही टाइप होता है जो की यह क्या होता है जो हमारे गीले एरियास होते हैं जैसे ग्रोएन है इन जगह पर ज्यादा देखने को मिलते हैं वहां पर क्या होता है बर्निंग सेंसेशन जलन होने लगती है इचिंग रेडनेस होने लग जाती है इस कंडीशन में भी इस क्रीम का यूज कर सकते हैं।
5. Fungal infectio :-
किसी भी प्रकार का जो फंगल इंफेक्शन होता है उसमें वासु क्यूटिस क्रीम का बहुत अच्छा रिजल्ट देखा गया है।
6. contect dermatitis ring worm – यह एक स्किन से दूसरी स्किन पर एक परसन से दूसरे पर्सन में भी फैलती है उसके अंदर भी हम क्रीम को काम में लेते हैं।
क्यों की जो स्किन डिजीस है एक दूसरे अंदर जाती है जैसे की एक पर्सन है जो की हेल्दी है और दूसरा जो जिसको स्किन से रिलेटेड प्रॉब्लम है जो हेल्दी पर्सन है जो उसके साथ में रहता है उसके तावल साबुन यूज करते है।
तो उस परसन को भी सेम प्रॉब्लम हो जाता है क्यों की यह फंगल एन्फेशन है ऐसा जो होता है उसे कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस कहते हैं इस प्रॉब्लम में भी वासु क्यूटिस क्रीम का यूज कर सकते हैं।
7. Athlete’s foot :- यह भी एक प्रकार का स्किन इंफेक्शन होता है जो की जो हमारी उंगलियों है या फिर अंगूठे उंगलियों के बीच में जो स्पेस है पसीने के वजह से या फिर सॉक्स पहनने की वजह से या ज्यादा टाइट शूज पहने से वहां पसीना आता है।
पसीने की वजह से वहां पर रेडनेस इचिंग खुजली जलन होने लग जाती है तो उस पर भी से क्रीम को काम में ले सकते है।
8. pimple, acne :- जैसे मुंह पर पिंपल्स होता है एक्ने होता है मुंह के रिलेटेड जो त्वचा का रोग होता है उसमें मेनली बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है।
उस बैक्टीरियल इंफेक्शन होने के कारण क्या होता है जो क्यूटीस क्रीम इसके अंदर महारीचादी तेल है करंज तेल है इसके अंदर बैक्टीरियो को मरने की प्रॉपर्टी रखता है इसलिए इसमें इसका यूज कर सकते हैं।
वासु क्यूटिस सामग्री।vasu cutis ingredients।vasu cutis cream uses in hindi
इसमें महामरिचादि तेल होता है, महामारी शादी तेल हमारे ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है साथ ही साथ में वहां पर जो हो रही इचिंग है रेडनेस है सूजन है उसको काम करता है
निम्बादी तेल, करंज का तेल, नीम :- यह जो तेल है जो फंगल इंफेक्शन है उसको डिस्ट्रॉय करता है पैथोजेनिक जो फंगल्स है उसको मारने के साथ-साथ उसकी ग्रोथ को भी रोकता है।
साथ में जो नीम है यह ब्लड के जो सेल्स है उसको ठीक करती है जिसके कारण जो ब्लड का फ्लो है उसको रोकता है।
kapoor (कपूर)- यह बैक्टीरिया पर भी काम करता है फंगलस पर भी काम करता है यह साथ ही साथ जहा डीप इन्फ्लेमेशन होता है बॉडी में उसको ठीक करता है और ब्लड फ्लो को बढ़ाता है
लेमन ग्लास तेल होता है यह जो रेडनेस टीचिंग खुजली हो रही है उसके कारण जो हमारे शरीर में बुखार आ रहा है या जो पर्टीकूलर एरिया में जो पैन हो रहा है जो सूजन आ रखी है या जो इन्फ्लेमेशन इस ए कंडीशन होती है उसको ठीक करता है।
shuddha gandhaka , sudh tankan , shuddha tuttha, copper sulphte, यह मेहंदी क्या करता है जो माइक्रो आर्गिनिजन है उसको मारता है साथ ही साथ में ब्लड प्योरीफाई करने का काम करता है इससे क्या होता है।
जब हमारा ब्लड प्यूरिफाई होगा वहां पर जो स्क्रीन से रिलेटेड जितने भी डिजीज होते हैं ब्लू के एम्योर होने के कारण होते हैं तो ब्लड ब्लू प्यूरिफाई होने के कारण स्किन रिलेटेड डिजीज अपने आप खत्म हो जाती है।
वासु क्यूटिस कितना लगाना चाहिए।vasu cutis doses।vasu cutis cream uses in hindi
जिस एरिया पर लगाना है उसको हल्का सा घर में पानी से धोना चाहिए।
उसके बाद में उसे सुखा लेना चाहिए और उस क्रीम के दो या तीन डॉट लेकर के दो या तीन बूंद लेकर के उसको हल्के हल्के मसाज करना चाहिए इसकी मसाज तब तक करना चाहिए तब जब तक की क्रीम को बॉडी शोख ना लें।
वासु क्यूटिस क्रीम साइड एफेक्ट।vasu cutis cream side effects
अगर इससे साइड इफेक्ट की बात करते हैं तो इसमें सबसे ज्यादा साइड इफेक्ट जो देखने को मिलता है।
इसमें जो करंज है नीम है कपूर है vasu cutis cream uses in hindi इसके वजह से यह शुद्ध गंधक की वजह से हल्की वर्निंग सेंसेशन देखने को मिला है।
तो इसेसे जो एरिया में वर्निंग सेंशन हो रहा है इसे ठीक करने के लिए क्या करना चाहिए वहां पर पार्टिकुलर एरिया के अंदर आपको जलन हो रही है तो वहां पर कोकोनट का जो तेल होता है उसके एक या दो बूंद के साथ में मिक्स करके उसको यूज करना चाहिए।
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